शिवलिंग पर दूध चढ़ाने का धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

दोस्तों सावन चल रहा है सावन आते ही भगवान शिव के मन्दिरों में उपासकों की भीड़ लग जाती है। विशेषकर सावन में सोमवार को तो शिव के सभी मंदिर श्रद्धालुओं से भरे होते हैं । पर क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर भगवान शिव पर जल,दूध,बेल-पत्र आदि क्यूँ चढ़ाते हैं | काफी लोगों के मन में यह सवाल भी आता होगा कि शिव लिंग पर क्या चढ़ाना चाहिये – shivling par kya chadaye, और भी कई सारे सवाल हैं जैसे कि –

  • सावन में ही शिव को इतनी महत्ता क्यों दी जाती है ? (sawan ka mahatva)
  • शिव को जल अर्पित क्यों करते हैं ? (shiv ko jal kyun chadhate hein)
  • शिव को बेलपत्र ही इतने प्रिय क्यों हैं ? (shiv ko belpatra kyun chadhate hein)
  • शिव का अभिषेक दूध से ही क्यों करते है ? (shivling par doodh kyun chadhate hein)
  • शिव पर तीन पत्तियों वाला बेलपत्र ही क्यों चढ़ाते हैं ? (shiv ko 3 patti wala belpatra kyun chadhate hein)

 

ऐसे ही कुछ प्रश्न मेरे मन में भी उठे जिन्हें जानने के बाद ऐसा लगा जैसे कितनी ही ऐसी बाते हैं जिनसे हम अनजान हैं, और जिन्हें जानने के बाद उसके पीछे के धार्मिक कारण व वैज्ञानिक कारण से आप को भी परिचित कराने का मन हुआ। यह काफी रोचक जानकारी है, जिससे शायद आप भी वाकिफ नहीं होंगे । आज ऐसे ही कुछ प्रश्नों के उत्तर हमने देने की कोशिश की है उम्मीद है आपको पढ़कर अच्छा लगेगा।

shivling par doodh kyun chadhate hen



-: सावन के महीने का इतना महत्त्व क्यों है – savan ka kya mahatva hei

सावन मास को श्रावन मास भी कहा जाता है। शिव के तीन नेत्रों में दायां सूर्य, वाम यानि बायां चन्द्रमा और अग्नि मध्य नेत्र है। सूर्य की राशि सिंह व चन्द्रमा की राशि कर्क है। जब सूर्य कर्क से होता हुआ सिंह राशि तक जाता है तब ये दोनों सक्रांतियां काफी शुभ होती हैं । यह पावन समय सावन में ही होता है। अत: सावन मास शिव को अत्यन्त प्रिय है। इस समय शिव पूजन से मन को अपार शांति मिलती है और पूजा करने वाले का भाग्य उदय होता है ।

-: सावन में ही शिवलिंग पर दूध क्यूँ चढ़ाया जाता है – savan mein hi shivling par doodh kyun chadhate hein

सावन के महीने में पशु घास के साथ साथ उनसे निकले कीड़े भी खा जाते हैं। आयुर्वेद में भी कहा गया है कि वात पित्त कफ के कारण कई बीमारियां उत्पन्न होती हैं । मौसम के बदलने के साथ वात भी बढ़ता है । जिससे वह दूध अमृत की जगह विष का काम करता है। इस मास में वर्षा के कारण कई रोग होने की आशंका बनी रहती है । जिस प्रकार शिव ने समुंद्र मंथन के समय संसार के हित के लिये विष पीया था, इसलिये विष रूपी दूध के दुष्प्रभावों से बचने के लिये यह दूध भगवान शिव को चढ़ा दिया जाता है ।

-: शिवलिंग पर जल क्यों चढ़ाया जाता है – shivling par jal kyun chadhate hein

इंसान के माथे के केंद्र में आग्नेय चक्र होता है हम वहीं से सोचते समझते हैं । मस्तिष्क में केंद्र का स्थान शिव को प्राप्त है शिव के शीतल होने से हमारा मन भी शांत रहेगा । इससे नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं । इसलिये शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है।

-: यह तो हुआ आध्यात्मिक कारण अब जानते हैं इसका वैज्ञानिक कारण –

दोस्तों सबसे ज्यादा रेडिएशन धरती पर 12 ज्योतिर्लिंगों पर होता है। प्रत्येक शिवलिंग एक न्यूक्लिअर रिएक्टर्स की तरह रेडियो एक्‍टिव एनर्जी से पूर्ण होता है। यही कारण है कि इस प्रलंयकारी ऊर्जा को शांत रखने के लिए शिवलिंगों पर लगातार जल चढ़ाया जाता है। वह रिएक्टिव होता है  इसी कारण इसके पानी को लांघा नहीं जाता, यह नदी के पानी से मिलकर औषधि का काम करता है ।

और भी कई धार्मिक सवाल हैं जिनके जवाब जानने के लिये पढ़ें –
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