क्रिसमस क्यूँ मनाया जाता है – christmas kyu manaya jata hai

some lines on christmas in hindi – दोस्तों क्रिसमस ही एक ऐसा त्यौहार है जो पूरे विश्व में मनाया जाता है | यह ईसाइयों का प्रमुख त्यौहार है और यह प्रभु यीशू के जन्म दिन के अवसर पर 25 दिसंबर को मनाया जाता है | इस दिन लोग काफी सारी सजावट करते हैं, तरह तरह के पकवान बनाते हैं और काफी सारी पार्टीज़ ,सभायें एवं प्रेयर्स होती हैं | इस दिन लोग गिरिजाघरों में भी जाते हैं, ये बातें तो सब जानते हैं पर क्या आप जानते हैं कि christmas kyu manaya jata hai, santa claus kaun hai, santa claus ki kahani kya hai और भी कई सारे सवालों के जवाब आज हम आपको इस पोस्ट में देंगे |



christmas kyu manaya jata hai

क्रिसमस डे मनाने का कारण – christmas in hindi

25 दिसंबर यानि कि क्रिसमस डे पर पूरे विश्व में अवकाश होता है | यह पर्व प्रभु यीशु के जन्म उत्सव के रूप में 25 से 31 दिसंबर तक मनाया जाता है, जो 24 दिसंबर की मध्यरात्रि से ही आरंभ हो जाता है। यह माना जाता है कि क्रिसमस शब्द का जन्म क्राईस्टेस माइसे अथवा क्राइस्टस् मास शब्द से हुआ है।

क्रिसमस ट्री की शुरुआत – christmas tree in hindi

न्यूयार्क में रोकफेयर प्लाजा में सबसे सुंदर क्रिसमस ट्री है | जिसे देख कर आप जरूर चौंक जाएँगे | यह लंबाई में 78 फुट और चौड़ाई में 47 फुट है | क्रिसमस पर दूर दूर से लोग इसे देखने आते हैं |

वास्तव में क्रिसमस ट्री की शुरुआत यूरोप में हुई थी | बेनीफ़ेस टुयो नामक एक अंग्रेज़ ने 10वीं शताब्दी के बीच क्रिसमस ट्री सजाने की शुरुआत की थी |

राजकुमार पिंटों ने इंग्लैंड में 1841 में एक क्रिसमस ट्री सजवाया था | जिस पर एक मूर्ति भी लगवाई गई थी | जिसे सभी ने काफी पसंद भी किया |

क्रिसमस ट्री घर-घर कैसे पहुंचा – christmas tree story in hindi

मार्टिन लूथर ने क्रिसमस ट्री को घर-घर तक पहुंचाया था | एक बार जब वह क्रिसमस पर घर वापिस आ रहे थे तब उन्होंने आकाश में तारों को देखा | वो तारे ऐसे लग रहे थे मानों पेड़ों पर मोती लग रहे हों लूथर को यह सीन इतना पसंद आया कि वह पेड़ की एक टहनी घर ले गया और उसे तरह तरह की चीजों से सजा दिया | वह बेहद खूबसूरत सीन था लोगों को भी वह काफी अच्छा लगा और लोगों ने भी वैसा ही किया जैसा की मार्टिन लूथर ने किया था | फिर धीरे-धीरे सभी लोग christmas tree बनाने लगे |

क्रिसमस ट्री से नहीं आती भूत बाधा – christmas tree ke fayde

क्रिसमस ट्री के बिना यह त्यौहार सूना-सूना सा लगता है | वास्तव में क्रिसमस ट्री का और क्रिसमस का आखिर क्या संबंध है | क्यों इस त्यौहार पर क्रिसमस ट्री लाने की और उसे सजाने की परंपरा है | आज हम आपको ऐसी ही कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं |



प्राचीन परंपरा के अनुसार सदाबहार पेड़ पौधों की टहनियाँ और पत्ते घर में लगाने से घर में भूत बाधा नहीं आती है और घर में एक सुकून सा रहता है | मानसिक तनाव नहीं होता और घर में शुभता आती है |

क्रिसमस ट्री की अनसुनी बातें – few lines on christmas in hindi

-> क्रिसमस ट्री से लगी आग – 1885  में  एक अस्पताल में क्रिसमस ट्री पर मोमबत्तियाँ जलाने से वहाँ आग लग गई थी | ऐसी दुर्घटनाओं से बचाने के लिए 1995 में रेल्फ मारिस ने बिजली से चलने वाली लाइटों का आविष्कार किया | ताकि क्रिसमस को लोग बिना किसी भय के बिजली की तेज रोशनी में माना सकें |

-> विक्टोरिया के समय में क्रिसमस ट्री – 1941 में विक्टोरिया के पति प्रिंस अल्बर्ट ने क्रिसमस ट्री को अपने हाथों से सजाया था तभी से यह क्रिसमस का एक अहम हिस्सा बन गया | तभी से क्रिसमस ट्री को काफी महत्ता दी जाने लगी | विक्टोरिया के समय में क्रिसमस ट्री पर घंटिया, टोफियाँ , गुब्बारे  गिफ्ट्स आदि लगाए जाने लगे वहीं ऐन्जल्स और फेयरी की मूर्तियाँ भी लगाई जाने लगीं ताकि घर में अच्छाई का आगमन हो और बुरी आत्माएँ घर में प्रवेश ना कर सकें |

-> मकड़ी के जालों से सजाया जाता है क्रिसमस ट्री – यूक्रेन में एक बार एक घर में जाले लगे हुए थे | वहाँ पर क्रिसमस का त्यौहार मनाया जा रहा था | क्रिसमस की अगली सुबह ही सूर्य की रोशनी पड़ते ही वो जाले चांदी के बन गए तभी से वहाँ क्रिसमस ट्री को जालों से सजाया जाता है |

-> ब्रिटेन में 1930 से क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा चली आ रही है |



सांता की कहानी – santa claus ki kahani

क्रिसमस का दूसरा अहम किरदार है सांता क्लोज | सांता क्लोज वास्तव में कौन है ? वह कहाँ रहता है ? क्या वह आज भी बच्चों को गिफ्ट देने आता है ? बच्चे क्यों हर साल इतनी सारी चिट्ठियाँ सांता को लिखते हैं ? उनका जवाब कौन देता है ? यह सारे सवाल अक्सर लोगों के मन में आते हैं | परंतु कोई जवाब नहीं मिलता आज हम आपको बताने जा रहे हैं इन सभी सवालों के जवाब |

-> निकोलस से सांता बनने का सफर –

सांता का असली नाम संत निकोलस है | उनकी यीशू में काफी आस्था थी | बचपन में ही उनके माता पिता का देहांत हो गया था | वह एक अमीर परिवार के बच्चे थे | बड़े होने पर वह एक चर्च में पादरी बन गए बाद में वह वहीं पर बिशप बन गए | उन्हें जरूरतमंदों की सहायता करना और गरीब बच्चों को गिफ्ट देना काफी पसंद था | वह काफी दयालु प्र्वृती के थे | उनकी एक खास बात यह भी थी कि वह यह सब बिना किसी की नजर में आए करते थे | बच्चों को गिफ्ट भी वह रात को देने आते थे | 17 वीं सदी के बाद संत निकोलस को सांता क्लोज बना दिया गया |

-> निकोलस से जुड़ी कहानी – santa claus story in hindi

एक बार एक गरीब परिवार में तीन लड़कियां थी | उनके पिता के पास उनकी शादी के लिए पैसा नहीं था | इस कारण वह देह व्यापार में जा रही थीं | सांता को जब इस बात का पता चला तो उन्होने चुपचाप से उनकी बाहर सूख रही जुराबों में सोने की अशर्फ़ियाँ डाल दीं जिससे उनकी गरीबी दूर हुई |

-> ब्रिटेन –  ब्रिटेन में लोग सांता को पत्र लिख कर उन्हें जला देते हैं ताकि जले हुए पत्रों के माध्यम से सांता तक उनकी बात चली जाये |

-> मैक्सिको – मैक्सिको में बच्चे अपने मन की बात हीलियम के गुब्बारों में भरकर उड़ा देते हैं | उनका मानना है कि ये गुब्बारे सांता तक उनकी बात जरूर पहुंचाएंगे |

-> अमेरिका में सांता के नाम से बसा है पूरा शहर – अमेरिका में सांता के नाम से एक पूरा शहर बसा हुआ है | वहाँ सांता की एक काफी बड़ी मूर्ति भी लगी हुई है | हर साल करोड़ों बच्चों के पत्र उनके पास आते हैं | अब तो सरकार भी इन सब पत्रों के जवाब देती है ताकि बच्चे खुश रहें और उनके मन में सांता के लिए यह विश्वास हमेशा बना रहे |

-> कैसे चला क्रिसमस कार्ड का प्रचलन – christmas card kyu dete hain

एक बार विक्टोरिया के जमाने में विलियम एंग्लो ने एक कार्ड भेजा | उस पर उसने अपने मित्रों को संदेश भेजा था कि उनका क्रिसमस शुभ हो साथ ही उसमें कुछ तस्वीरें भी बनी हुई थीं | इसमें एक शाही घराने की तस्वीर के साथ कुछ लोग उनके मित्रों के स्वास्थ्य के लिए शुभकामनायें दे रहे थे | यह एक नई बात थी तो यह महारानी विक्टोरिया को दिखाया गया | इस पर रानी को यह काफी पसंद आया रानी ने अपने चित्रकार को बुलाकर शाही कार्ड बनवाया क्योंकि यह कार्ड क्रिसमस के दिन भेजा गया था तो तब से क्रिसमस पर कार्ड देने की परंपरा चली आ रही है |



तो दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें जरूर बताएं और अपने दोस्तों के साथ इसे जरूर शेयर करें |

धन्यवाद |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *