जयललिता अब नहीं रहीं, जानिये उनके जीवन के कुछ छुपे राज..

aaaaak

24 फ़रवरी 1948 को जयललिता का जन्म एक ‘अय्यर’ परिवार में हुआ था । बचपन में ही उनके पिता का देहांत हो गया,  उनकी माँ ने उन्हें अकेले ही पाला था । उनकी माँ ने ‍तमिल फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत की थी उन्होंने फिल्मी दुनिया में अपना नाम संध्या रखा था । छोटी सी उमर में ही जयललिता ने भी फिल्मी दुनिया में कदम रख लिया था जब वह 15 साल की थींं तो उन्होंंने कन्नड़ फिल्मों में लीड रोल देना शुरु कर दिया था। आप को जानकर हैरानी होगी कि वह तमिल फिल्मों की पहली ऐसी नायिका थींं जिन्होंने स्कर्ट पहन कर फिल्म में रोल किया था। आप को बता देंं कि वह बचपन में ही अंग्रेजी फिल्म में भी काम कर चुकी थींं। करीबन 300 फिल्मों में जयललिता जी काम कर चुकी थींं |

1982 में एम॰जी॰ रामचंद्रन के साथ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम से जयललीता जी ने राजनीति में कदम रखा । 1983 में उन्हें पार्टी का प्रोपेगेंडा सचिव नियुक्त किया गया । उनकी इंग्लिश पर काफी अच्छी पकड़ थी। रामचंद्रन जी यहींं से उन्हें राज्यसभा और फिर विधानसभा तक ले गये । रामचंद्र्न जी का उनको काफी सपोर्ट था यही बात कुछ लोगोंं को बर्दाश्त नहीं हुई और उन्होंंने इनके बीच दरार डलवा दी |

eeq

1987 में रामचंद्रन जी का देहांत हो गया, उनके बाद उनकी पत्नी उनकी उत्तराधिकारी थींं पर इसके लिये भी जयललिता और उनके बीच काफी संघर्ष हुआ ।

वर्ष 1989 में उनकी पार्टी ने राज्य विधानसभा में 27 सीटें जीतीं और वे तामिलनाडु की नेता बन गईंं ।

वर्ष 1991 में राजीव गांधीजी के देहांत के बाद हुए चुनावों में वह कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ींं और वे जून 1991 से मई तक राज्य की पहली सबसे कम आयु की मुख्यमंत्री रहीं ।

उनकी सरकार ने 1992 में छोटी लड़कियों को बचाने के लिए ‘क्रैडल बेबी स्कीम’ को शुरु किया ।

1996 में उनकी पार्टी चुनावों में हार गई और वे खुद भी चुनाव हार गईंं। उनपर काफी सारे इल्जाम लगे भ्रष्टाचार फिरौती और भी कई आरोपों के बावजूद वह 2001 में चुनाव जीत कर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बन गईंं । सत्ता में आते ही इन्होंने फिर से काम किए उन्होंने लॉटरी टिकट पर पाबंदी लगा दी । हड़ताल पर जाने से लोगोंं को नौकरी से बर्खास्त कर दिया, मुफ्त बिजली दी, अनाज के दाम घटा दिये, अवैध राशन कार्ड खारिज कर दिए, बस का किराया कम किया, बसों में खाना सस्ता किया और जानवरों की बलि पर भी रोक लगा दी।

इसी बीच भ्रष्टाचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिया और उन्हें अपनी सीट किसी और को देनी पड़ी पर हालात पर काबू पाते ही वह फिर से सत्ता में लौट आईंं ।

untitled-4

आपको बता देंं कि पिछले ढाई महीने से जयललिता अस्पताल में भर्ती थींं । सोमवार रात 11:30 बजे उन्होनें अन्तिम साँसें पूरी की दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गयी । सुनने में आया है कि रविवार को उनको दिल का दौरा पड़ा था । तब से उनके समर्थक उनके ठीक होने के लिये पूजा पाठ हवन आदि कर रहे थे । लोग उन्हें प्यार से ‘अम्मा’ कहते थे | जयललिता पिछले दो साल से तमिलनाडु से चुनाव जीत कर राजनीति में अपने कदम जमा चुकी थींं यह खबर सुनते ही सब जगह शोक का माहौल छा गया है । सभी उनकी आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना कर रहे हैंं । सभी उनके परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं ।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *