15 अगस्त की कुछ दिलचस्प बातें

दोस्तों 15 अगस्त आ रहा है यह हमारी आजादी का दिन है । इस दिन हमें अंग्रेजों से आजादी मिली थी । उनके जुल्मों से निजात मिला था । इस आजादी के लिये हमारे लोगों ने ना जाने कितनी कुर्बानियां, ना जाने कितने सितम सहे हैं । भारत की आजादी कोई आसान बात नहीं थी, ना जाने कितने किस्से कहानियां इस आजादी के पीछे छिपे हैं । कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जिनके कामों का किसी को पता ही नहीं चला उनके त्याग उनके देश के प्रति कर्तव्य उनके समर्पण का जिक्र कहीं भी नहीं है। ऐसे लोगों का कोटि-कोटि धन्यवाद व दिल से नमन जिन्होंने निस्वार्थ भाव से देश की आजादी की लड़ाई लड़ी । देश को आजादी दिलाने वाले कुछ नायक आज भी हैं जो भारी दिक्कतों से जूझ रहे हैं । लोग बस साल में 2 दिन शहीदों के आगे फूल रखकर उन्हें सलामी देकर अपना कर्तव्य पूरा हो गया ऐसा समझ लेते हैं और जीवित सेनानियों को साल में दो बार शाल चादर देकर सब भूल जाते हैं । उन सेनानियों का कर्ज तो हम नहीं चुका सकते पर जो आज भी जीवित हैं उनके लिये तो सरकार को और हमें भी अच्छे प्रबंध करने चाहिये । आज भी उनमें से कुछ लोग दाने दाने को मोहताज हैं । बस उन्हें आश्वासन दे दिया जाता है, पर पूरा करने कोई नहीं आता ।




15 august intersting facts

आजादी से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से –



=> भारत व पाकिस्तान का विभाजन – भारत के अंतिम वायसराय लाउड माउंडवेंटन ही वो व्यक्ति थे जिन्होंने भारत और पाकिस्तान की आजादी का दिन चुना । जब वह भारत वापिस आये थे तो उन्हें भारत और पाकिस्तान अविभाजित मिला था । ऐसे में किसी भी तरह के लड़ाई झगड़े ना हों इससे बचने के लिए वायसराय ने पाकिस्तान को 14 अगस्त 1947 को आजादी दी और फिर अगले दिन भारत को 15 अगस्त 1947 को रात 12 बजे आजादी सौंपी गयी ।

=> माउंटबेटन प्लान – लार्ड माउंटबेटन के साथ हुई मीटिंग में 3 जून 1947  को भारत की आजादी को लेकर दो बड़े फैसले हुए । पहला भारत के बंटवारे के लिये जिसके अनुसार भारत को दो हिस्सों में बांटा गया और दूसरा कि सत्ता का हस्तांतरण 15 अगस्त 1947 को किया जाएगा । इसे “June 3 Mountbatten plan” भी कहा जाता है ।

=>भारत की सीमा रेखा का निर्धारण –  15 अगस्त तक भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा का निर्धारण नहीं हुआ था । इसका फ़ैसला 17 अगस्त को रेडक्लिफ लाइन की घोषणा से हुआ ।

=> अन्य देश जिनका स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त है – भारत के अलावा तीन अन्य देशों का भी स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त ही है । ब्रिटेन ने बहरीन को 15 अगस्त 1971 को और फ्रांस ने कांगो को 15 अगस्त 1960 को आज़ाद किया। दक्षिण कोरिया जापान से 15 अगस्त, 1945 को आज़ाद हुआ ।

=> भारत का तिरंगा – पिंगली वैंक्या ने 1921 में भारत के झंडे को बनाया था । यह 2 रंग का था हरा और लाल ये दो रंग दो बड़े समुदायों का प्रतीक थे । गांधी जी के अनुसार इसके बीच में सफेद रंग की पट्‌टी डाली गई जो अन्य समुदायों की प्रतीक थी। साथ ही इसके बीच में चरखा बनवाया गया वह देश की उन्न्ति का प्रतीक था ।

=> राष्ट्रीय  गान – 15 अगस्त को  भारत को आजादी जरुर मिल गई थी लेकिन भारत का अपना कोई राष्ट्र गान नहीं था । रवींद्रनाथ टैगोर ने जन-गण-मन 1911 में ही लिख दिया था। लेकिन संविधान सभा ने इसे राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी 1950 को अपनाया था ।

=> 16 अगस्त को फहराया गया था पहली बार झंडा – आजादी के वक्त भारत में हर स्वतंत्रता दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री से झंडा फहराया जाता है। लेकिन 15 अगस्त, 1947 को ऐसा नहीं हुआ था। लोकसभा सचिवालय के एक शोध पत्र के अनुसार नेहरू ने 16 अगस्त, 1947 को लाल किले से झंडा फहराया था ।

=> राजवाडे और रियासतें – आजादी के समय 662 रियासतें थी । 656  राजवाडे ब्रिटिश शासन के अधीन थे। 565 रजवाड़ों व 552 रियासतें अपनी स्वेच्छा से भारतीय परिसंघ में शामिल हु़ई | जूनागढ़, त्रावणकोर,कश्मीर और हैदराबाद को छोड़कर बाकी की रियासतों ने पाकिस्तान जाने की स्वीकृति दे दी थी ।

=> पहले गवर्नर की शपथ लेने से पहले हुआ दिलचस्प किस्सा –  आजादी मिलने के लगभग 20 मिनट बाद, 14 व 15 अगस्त को मध्यरात्रि को प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु और पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद लार्ड माउंटबेटन से मिलने गये । उन्हें देश का पहला गवर्नर जनरल बनने का न्योता दिया। साथ ही पंडित नेहरू ने लार्ड माउंटबेटन को एक लिफाफे में पहली कैबिनेट मंत्रियों की सूची सौंपी, जब वो लिफाफा खोला गया तो वो खाली था । लेकिन शपथ ग्रहण समारोह तक वह मिल गया था ।

=> क्यों 1947 को ही आजादी के लिये चुना गया –  दोस्तों आप शायद नहीं जानते होंगे 1940 के दशक से हो रहे जबरदस्त आंदोलन अंग्रेजों पर जबरदस्त दबाव बना रहे थे । साथ ही दूसरे विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन खुद भी काफी कमजोर हो गया था । इसलिए 1947 में ब्रिटेन ने भारत को आजाद करने का फैसला किया । यही कारण है की 1947 में भारत को आजादी देने का फैसला किया गया ।

=> आजादी के जश्न में गाँधी जी नहीं थे शामिल –  दोस्तों क्या आप जानते हैं 14 व 15 अगस्त को जब भारत अपनी आजादी का जश्न मना रहा था, तब महात्मा गांधी वहां मौजूद नहीं थे । वह इस बात से खुश नहीं थे । वह बँटवारे की वजह से हो रहे तनाव व दंगों को रोकने के लिये कलकत्ता में अनशन पर बैठे थे। जब नेहरु जी ने उन्हें पत्र लिखकर बुलवाया तो उन्होंने कहा कि यहां दंगे हो रहे हैं | ऐसे में मैं आजादी की खुशी कैसे मना सकता हूँ ।




ऐसी ही और भी आजादी से जुड़ी ना जाने कितनी बातें हैं जिन्हें हम जल्द ही आपको बतायेंगे । दोस्तों आपको हमारी विचारधारा और हमारी जानकारी कैसी लगी जरुर बताइये ।

पसंद आये तो इसे शेयर जरुर कीजिये । अपना कीमती समय देने के लिये धन्यवाद ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *